बांगरमऊ/उन्नाव
भारत रत्न, संविधान निर्माता, सामाजिक न्याय के महान पुरोधा डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की पुण्यतिथि के अवसर पर मानव उत्थान सेवा समिति, बांगरमऊ–उन्नाव (उ.प्र.) द्वारा ग्राम रूरी सादिकपुर में एक प्रेरणादायी एवं गरिमामय श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। समिति पदाधिकारियों एवं ग्रामीणों ने बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके संघर्ष, विचार और राष्ट्र-निर्माण में उनके योगदान को नमन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं सुनीता कुशवाहा, अध्यक्ष : मानव उत्थान सेवा समिति, ने कहा
बाबा साहब ने केवल संविधान नहीं लिखा, बल्कि भारत के करोड़ों वंचितों और वंचित समुदायों को सम्मान, अधिकार और आत्मसम्मान का नया जीवन दिया। आज उनकी पुण्यतिथि पर हम संकल्प लेते हैं कि शिक्षा, समानता और न्याय को अपने समाज में मजबूत आधार बनाकर चलेंगे।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष श्री धर्मराज कुशवाहा ने कहा
“समाज को जागरूक और संगठित करना ही डॉ. अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि है। हमें उनके बताए ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’ के मार्ग का पालन करते हुए सामाजिक परिवर्तन की दिशा में निरंतर कार्य करना होगा।”
कार्यक्रम में समिति के संरक्षक श्री रामविलास सैनी ने भावपूर्ण शब्दों में कहा
“डॉ. अंबेडकर का संविधान भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है। उनके विचार सामाजिक समरसता और बराबरी का प्रकाश-पुंज हैं। आज हमें जाति, भेदभाव और अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने की आवश्यकता है.
कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों, युवाओं और महिलाओं ने भी बाबा साहब के जीवन, संघर्ष और विचारों पर चर्चा की तथा समाज-निर्माण के लिए सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का संकल्प लिया। समिति द्वारा ‘शिक्षा एवं अधिकार जागरूकता अभियान’ को गाँवों में और मजबूत करने की घोषणा भी की गई।
अंत में सभी सदस्यों ने प्रतिज्ञा ली कि
बाबा साहब के द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर समाज में समान अवसर, सम्मान, शिक्षा और न्याय को बढ़ावा देने के लिए समिति निरंतर कार्य करती रहेगी
